नई दिल्ली । प्रधानमंत्री ने आज कोलकाता में 16वें संयुक्त कमांडर सम्मेलन का उद्घाटन किया। दो वर्षों में एक बार आयोजित होने वाला यह सम्मेलन सशस्त्र बलों का सर्वोच्च स्तरीय विचार-मंथन मंच है। यह मंच देश के शीर्ष असैन्य और सैन्य नेतृत्व को विचारों का आदान-प्रदान करने और भारत की सैन्य तैयारियों के भविष्य के विकास की नींव रखने के लिए एक साथ लाता है। इस सम्मेलन का विषय 'सुधारों का वर्ष - भविष्य के लिए परिवर्तन' है, जो सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और परिवर्तन के अनुरूप है।
प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की और राष्ट्र निर्माण, समुद्री डकैती विरोधी, संघर्ष क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी और मित्र देशों को मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) प्रदान करने में सशस्त्र बलों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की भी सराहना की। वर्ष 2025 को रक्षा क्षेत्र में 'सुधारों का वर्ष' बनाने के उद्देश्य से, प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्रालय को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए अधिक संयुक्तता, आत्मनिर्भरता और नवाचार हेतु ठोस उपाय तेजी से लागू करने के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री को ऑपरेशन सिंदूर से उत्पन्न नई परिस्थितियों के संदर्भ में सेनाओं की संचालन संबंधी तैयारियों और उभरती तकनीक एवं रणनीति के संदर्भ में युद्ध के भविष्य के बारे में जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने पिछले दो वर्षों में लागू किए गए सुधारों और अगले दो वर्षों की योजना की भी समीक्षा की।
अगले दो दिनों में, सम्मेलन में विभिन्न संरचनात्मक, प्रशासनिक और संचालन से संबंधित मामलों की समग्र समीक्षा की जाएगी, जो विभिन्न बलों से प्राप्त फीडबैक पर आधारित होगी, बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के मद्देनजर सशस्त्र बलों की तैयारी के साथ-साथ प्रधानमंत्री के विजन के कार्यान्वयन के लिए रोडमैप विकसित करने पर भी चर्चा होगी।