रोहित संवाद जिला व्यूरो प्रयाग पांडेय प्रयागराज
उतरांव (प्रयागराज) हर व्यक्ति को बेजुबानो की कद्र करनी चाहिए। क्योंकि ये बोल नहीं सकते अपनी समस्या आपको अवगत नहीं करा सकते।बेजुबानो की मदद करना ही इंसान का सबसे बड़ा धर्म है। ऐसा ही कुछ मिसाल उतराव थाना क्षेत्र के पट्टी राम गांव में ग्रामीणों द्वारा पेश किया गया है। जिसकी प्रशंसा जितनी की जाए उतना ही कम है।उतरांव थाना क्षेत्र के पट्टी राम गांव में ग्रामीणों के एक चहेते लंगूर की शव यात्रा निकाल कर बंदर का गंगा घाट पर ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया। अपने चहेते बंदर की ग्रामीणों द्वारा तेरहवीं भी की जाएगी। बताते चलें कि पट्टीराम साड़ा गांव में कई वर्ष पहले एक लंगूर आकर यहां अपना ठौर बना लिया। या लंगूर ग्रामीणों का चहेता बन गया। किसी को आज तक कांटा नहीं। बल्कि बंदर बच्चों और बड़े बुजुर्गों से मिलकर रहता था। सोमवार को उसकी मौत हो गई तो पूरे गांव के लोग जहां शोक में डूब गए वहीं उसका रीत रिवाज के साथ शव यात्रा निकालकर छतनाग गंगाघाट पर ले जाकर गंगा की गोद में उससे दफन कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि तेरहवीं कार्यक्रम भी किया जायेगा। ग्राम प्रधान जंग बहादुर पटेल, पुष्पराज कुशवाहा, जय सिंह, प्यारेलाल ,आशीष ,संदीप कुशवाहा ,आदि भारी संख्या में ग्रामीण शोक जताते हुए लंगूर का अंतिम संस्कार किया।